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धर्म एवं दर्शन >> प्रेम से जपा करूँ

प्रेम से जपा करूँ

आदर्श अग्रवाल

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :308
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 13599
आईएसबीएन :9788183616645

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चाहे भजनों की बात करें, चाहे दोहे, लोकगीतों और आराधन-गीतों की, ये सभी देश की लोक-श्रवण परंपरा का अटूट हिस्सा हैं

कमल, गेंदे, पुष्पा-चमेली, गुलाब से सजी आरती की थालियाँ। चाहे भजनों की बात करें, चाहे दोहे, लोकगीतों और आराधन-गीतों की, ये सभी देश की लोक-श्रवण परंपरा का अटूट हिस्सा हैं। इनमें धर्म और संस्कृति की खुशबू बसी है। ये मधुर संगीतमय अभिव्यक्तियाँ लोकमानस की सनातन श्रद्धा का प्रतीक हैं और विश्वास, आस्था और समर्पण का संगम हैं।

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